AGAR FRIDGE ME N2 DAL DE TO KYA HOGA?

फ्रिज में नाईट्रोजन डालने पर क्या होगा?


फ्रिज आज हर घर स्थान पर इस्तेमाल हो रहा है ये आवशयक होने के साथ कभी कभी ख़राब हो जाता है तो काफ़ी समस्या पैदा हो जाती है|


फ्रिज में N2 ड़ाल दे तो क्या होगा?



फ्रिज में एक कॉमन समस्या जो आती है वे गैस लीकेज की होती है ये फ्रिज पुराना होने या गलत रखरखाव के कारण a सकती है|फ्रिज में गैस लीक कभी कभी सामने नज़र a जाती है तेल दिख जाना गैस लीक का सूचक होता है|

लेकिन कई बार फ्रिज में लीकेज काफ़ी कठिनाई से मिलती है क्यों होता है? गैस लीक हवा से चैक करें या नाईट्रोजन विधि से ऐसे सवाल हमारे मान में आते है|

आज के इस आर्टिकल में हम आपको गैस लीकेज की विधि तरीके से बताने जा रहे है इसलिए आप इस लेख को बड़े अच्छे से पढ़ना चलिए जानते है|


   Table of Content
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1-रेफ्रीजिरेशन सिस्टम में लीकेज का क्या मतलब है

2-लीकेज होने के क्या कारण होते है

3-लीकेज टेस्टिंग के कौन से तरीके होते है

4-लीकेज टेस्टिंग के सामान्य तरीके

5-लीकेज टेस्टिंग के लिए नाईट्रोजन या हवा कौन बेहतर है

6-यदि नाईट्रोजन को फ्रिज में ड़ाल दे तो क्या होगा

7-नाईट्रोजन को फ्रिज और एसी में कैसे डाले

8-N2 को ही क्यों इस्तेमाल किया जाता है

9-एयर या हवा डालने से फ्रिज में तेल का क्या होता है

10-N2 को कितने समय के लिए सिस्टम में रखना चाहिए

11-FAQ

12-CONCLUSION 


रेफ्रीजिरेशन सिस्टम लीकेज का क्या मतलब है?


फ्रिज भी रेफ्रीजिरेशन सिद्धांत पर कार्य करता है इस सिस्टम में गैस की अवस्था का बदलाव होकर हमारे फ्रिज में ठंडक प्राप्त होती है|

अगर बात करें तो फ्रिज में गैस लीक का मतलब इस सिस्टम से गैस निकलना होता है गैस लीकेज के वैसे तो कई कारण होते है जिनके कारण गैस लीक हो जाती है जो निम्न प्रकार से है --


• फ्रिज को गलत तरीके से उठाने से क्यूंकि इस समय किसी पाइपलाइन गैस पर हाथ लगने से गैस वहाँ से रिसने लगती है|


इन्हे भी पढ़े- फ्रिज कौन सा ख़रीदे 

लीकेज होने के क्या कारण होते है?



इस सिस्टम में लीकेज एक आम समस्या है समय के साथ यूनिट पुरानी होने लगती है जिसके कारण लीकेज बढ़ने लगती है|इसके अलावा गैस लीकेज के कुछ मैकेनिकल कारण होते है चलिए जानते ---

1)- फ्रिज में लीकेज चार्जिंग पिन वाल्व से होने लगती है इसकी गैसकेट रबर कट जाती है|नया पिन वाल्व लगाने की ज़रूरत पडती है|


फ्रिज में N2ड़ाल दे तो क्या होगा?


- एसी में लीकेज स्प्लिट एसी में फ्लैयर नट के पास से अक्सर होती है या चार्जिंग पिन वाल्व के पास से|


> इसके अलावा एसी जहा लगा है वहां आस-पास नाला है इससे निकलने वाली गैस कॉइल से गैस रिसाव करवाती है इससे बचने के लिए आप एसी कॉइल कोटिंग का प्रयोग करें|

- एसी कॉइल की सर्विस समय पर ना होने से हवा का एयर फ्लो गंदगी के कारण रुकने लगता है हार साल सर्विस ज़रूर करवाये|


> फ्रिज के पुराने होने पर ये समस्या अधिक आती है फ्रिज का कंडसर या एवार्पोरेटर की धातु कमजोर होकर रस्ट या जंग के कारण गैस का रिसाव होने लगता है|ये समस्या मे केवल बचाव से ही गैस लीक रुक सकती है कंडसर को समय समय पर साफ करें इसके ऊपर जमीं धूल मिट्टी को ये काफ़ी फायदा देता है|

- फ्रिज के कंडन्सर कॉइल को हर 1 महीने में साफ करें ब्रश से इससे पहले आप फ्रिज के प्लग को बाहर निकाल ले|

लीकेज टेस्टिंग के कौन से तरीके होते है?



गैस लीकेज हो जाने के बाद अब हमें लीकेज वाले स्थान को पहचानना होता है सामान्य रूप से गैस लीक वाले स्थान पर तेल ऊपर कर आता है|

बची गैस का पूरी तरह से खाली होना आवशयक है लीकेज को पूरा करने के लिए वैसे लीकेज सही तरीके से करना अति अवश्यक है क्यूंकि हम अगर जल्दबाज़ी में लीक की जांच करे बिना गैस चार्ज कर देते है तो बाद में लीकेज आती है सामने तो गैस का नुकसान हो जाता है|

साथ में आपका समय भी बर्बाद होता है

लीकेज टेस्टिंग के सामान्य तरीके?


1)- झाग विधि के द्वारा (सोप सलूशन)

2)- वाटर टैंक डीप तरीका

3)- इलेक्ट्रॉनिक लीक डिटेक्टर

4)- हैलाइड टोर्च से चैक

5)- N2 डालने से लीकेज की टेस्टिंग करना|



लीक टेस्टिंग के लिए नाईट्रोजन या हवा कौन बेहतर है?


लीक टेस्टिंग का कार्य सावधानी के साथ करने का होता है क्यूंकि कई बार इसमें एयर रह जाती है वे दुर्घटना का कारण बन जाती है|इसके अलावा लीक हो संतोषजनक तरीके से चैक करनी चाहिए जल्दबाज़ी से की गयी लीक टेस्टिंग बाद में लीकेज सामने आती है|

इसलिए आप जब तक लीक ना मिले सिस्टम में गैस चार्ज ना करें|

सिस्टम में लीक टेस्टिंग के लिए नाईट्रोजन और एयर का प्रयोग जाता है कौन ठीक है क़िससे सिस्टम में समस्या नहीं आती है लीक देखने के लिए|

ड्राई नाईट्रोजन एक अच्छा तरीका है लीकेज टेस्टिंग का क्यूंकि इससे डालने से सिस्टम में नमी प्रवेश नहीं करती है वही अगर आप एयर को लीक के प्रयोग करते है यह नमी को प्रवेश कराती है|

एयर में नमी होती है इसके अलावा इसको डालने से इसके पार्ट्स में नमी जम जाती है वाइंडिंग में जिससे यह ख़राब हो जाती है|


नाईट्रोजन का प्रेशर लगभग 2000 psi होता है इस कारण से लीकेज आसानी से मिल जाती है|एयर को हम एक कंप्रेसर से बना सकते है यह फ्री में मिल जाती है जबकि नाईट्रोजन का सिलिंडर आता है पैसो का|

N2 से सिस्टम नमी रहित रहता है इसलिए आप इसका प्रयोग लीक टेस्टिंग के लिए करें केवल|


यदि नाईट्रोजन को फ्रिज में डाल दे तो क्या होगा?


हम जानते है नाईट्रोजन गैस का प्रेशर 2000 psi होता है अगर फ्रिज में डाल दिया जाए गलती से और फ्रिज चालू कर दे तो कंप्रेसर फट सकता है इसलिए यह करना गलत होगा|

फ्रिज में इसका प्रयोग लीक के लिए करना चाहिए लेकिन सावधानीपूर्वक क्यूंकि फ्रिज का फ्रीज़र एल्युमीनिम का होता है अगर यह अधिक प्रेशर लेने की क्षमता नहीं रखता है|

इसलिए आप लीक चैक करें ती 100 psi का प्रेशर ही फ्रिज में डाले हो सके तो 100 से से कम करें अगर लीक ना मिले तब अधिक करें वरना नहीं|

इसके अलावा आप जब भी N2 का प्रेशर किसी मशीन में डाले तो उस मशीन पर अवशय ही लिखें इसमें N2 भरी है इसको ना चलाये कई बार लोग यह गलती कर देते है जिससे दुर्घटना हो जाती है|



नाईट्रोजन को फ्रिज और एसी में कैसे डाले?


हम जानते है नाइट्रोजन गैस को प्रेशर एयर से काफ़ी ज़्यादा होता है इसलिए हमें कुछ सावधानी को अपनाना चाहिए नार्मल n2 का प्रेशर 2000 psi के लगभग होता है|

अगर आप सिलिंडर पर सीधे अडेपटर लगाकर n2 सिस्टम में डालते है तो यह गैस अचानक से कितनी भी डल सकती है एक निश्चित सीमा में n2 का सिस्टम में जाना आवशयक है|इसलिए n2 सिलिंडर के प्रेशर को कण्ट्रोल करने के लिए एक ट स्टेज रगुलेटर का प्रयोग करना अत्यंत आवशयक है|

यह रगुलेटर दो गेज को दिखाता है एक गेज सिलिंडर के प्रेशर को दिखाती है और दूसरी गेज सिस्टम में कितना प्रेशर जा रहा है वे बताने का कार्य करता है|

वास्तव में यह एक सुरक्षा डिवाइस है इसको लगाने से आपका गेज मेनीफोल्ड ख़राब नहीं होता है और चार्जिंग लाइन भी|क्यूंकि अगर आप रगुलेटर के बगैर n2 को सिस्टम में डालते है तो प्रेशर एक निश्चित सीमा में नहीं जायेगा कभी कम या ज़्यादा हो सकता है जिसके कारण गेज आउट हो जाती है|

वही रगुलेटर के प्रयोग से प्रेशर सेट अमाउंट से जाता है अगर आपने 20 psi का प्रेशर सेट किया है रगुलेटर में तो वही जायेगा ज़्यादा नहीं जायेगा|इसलिए रगुलेटर के द्वारा ही प्रेशर डाले सिस्टम के अंदर यह बेहतर रहेगा|


एसी में अलग n2 का प्रेशर डाला जाता है फ्रिज में अलग होता है एसी में R-22 में 350 psi प्रेशर से लीक आसानी से मिल जाती है|वही फ्रिज में यह पाइपलाइन मेटेरियल पर निर्भर करती है एल्युमीनियम हल्की होती है अधिक प्रेशर से से फट भी सकता है|

आप 100 psi का प्रेशर फ्रिज में इस्तेमाल करें इससे कम डाले अधिक ना रखे इससे लीकेज आसानी से मिल जाएगी|




N2 को ही क्यों इस्तेमाल किया जाता है?


सबसे पहला फायदा N2 का यह है कि यह नमी रहित रहती है इसको डालने से सिस्टम को कोई नुक्सान नहीं होता है|अगर एसी में लीकेज आसानी से नहीं मिलती है खासकर इंडोर यूनिट में तो N2 का प्रेशर डालना ही पड़ता है|

यह सिस्टम में बहुत छोटी लीकेज को भी आसानी से ढूढ लेती है क्यूंकि इसका प्रेशर अधिक होता है|बड़ी क्षमताओं के एसी प्लांट में जहा पाइपलाइन काफ़ी लम्बी होती होती वहाँ पर N2 गैस बहुत अच्छा उपाय है लीकेज को चैक करने के लिए|


फ्रिज में N2ड़ाल दे तो क्या होगा?



एसी में कई बार लीकेज आसानी से नहीं मिलती है तो कंडन्सर कॉइल और एवर्पोरेटर कॉइल को सिस्टम से अलग करके लीक की जांच करनी पडती है|

इस तरीके से भी लीकेज नहीं मिलती है तो वाटर डीप टैंक में कॉइल को डालना पड़ता है इससे लीकेज वाले स्थान पर बुलबुले आने लगते है लीक की जांच से पहले आप कॉइल को अच्छी तरह से साफ कर ले|

ऐसा करने से लीकेज आसानी से दिखने लगती है यह तरीका सबसे अंतिम चरण का होता है जब लीक मिलती ही नहीं आसानी से तब इस्तेमाल यह डीप टैंक विधि की जाती है|

यह सामान्य डीप टैंक लीकेज तरीका वैसा ही है जैसे गाड़ियों के टायर की ट्यूब की लीक चैक करते है इसको भी पानी में डिबोया जाता है|

इसके अलावा N2 सिस्टम में जाने पर उस सिस्टम के अंदुरुनी हिस्सों को नमी से नुक्सान नहीं पहुँचती जिसके कारण यह बेहतर लीक टेस्टिंग के लिए उपयोग में लायी जाती है|



एयर या हवा डालने से फ्रिज में तेल का क्या होता है?


फ्रिज के कंप्रेसर में घिसावट को समाप्त करने के लिए जिससे वे बेहतर से कार्य करें तेल का प्रयोग किया जाता है फ्रिज में कई तरह की समस्या आती है जिसमे से चोकिंग भी एक है|

फ्रिज में अक्सर चोकिंग नमी जाने से आती है कुछ हमारी गलती होती है जिसमे हम कुछ सावधानी नहीं रखते है|पहले फ्रिज में मिनरल तेल का प्रयोग होता था अब सिंथेटिक तेल का प्रयोग किया जाता है|


अक्सर हम फ्रिज में लीकेज चैक करने के दौरान एयर का प्रयोग करते है हम जानते है एयर में नमी होती है इससे नमी कंप्रेसर के तेल में मिक्स हो जाती है जिससे फ्रिज चोकिंग की समस्या म, या कंप्रेसर ख़राब की (वाइंडिंग)की समस्या आती है|एयर के संपर्क में जब आयल आता है तो यह पार्ट्स को ख़राब करने लगता है|



N2 को कितने समय के लिए सिस्टम में रखना चाहिए?


एसी सिस्टम बड़ी क्षमता के होते है इस कारण से उसमें अधिक रेफ्रीजिरेन्ट का प्रयोग किया जाता है अगर एसी में लीकेज सही से ना देखी जाए तो गैस डालने पर कुछ समय पर लीक हो जाती है|

जिसमे पैसो की बर्बादी हो जाती है इसलिए N2 को काफ़ी लम्बे समय तक सिस्टम में रख जाता है जिससे लीकेज (छोटी)
आसानी से पता लगाया जा सके|लीक मिलने के बाद फिर N2 को सिस्टम में होल्ड किया जाता है कही छोटी लीकेज होंगी तो प्रेशर कम हो जायेगा|

जिससे 100% यह पता चल जाता है कि लीक नहीं है इसके पश्चात ही वैक्यूम करके गैस डालने का कार्य पूरा किया जाता है|

आमतौर से सिस्टम में 24 घंटे से 48 घण्ट तक N2 होल्ड की जाती है जिससे छोटी से छोटी लीक मिल जाती है क्यूंकि थोड़े समय में प्रेशर कम नहीं होता है N2 का देरी होने पर गेज में प्रेशर दिखने लगता है आप जल्दबाज़ी ना करें|


FAQ--- अक्सर पूछे जाने सवाल 


प्रशन - रेफ्रीजिरेशन सिस्टम में लीकेज के लिए N2 डाले या एयर? कौन बेहतर?

उत्तर - N2 डाले लीकेज टेस्टिंग के लिए क्यूंकि यह नमीरहित होती है जबकि एयर में नमी होती है|


प्रशन - N2 प्रेशर लीकेज टेस्टिंग में कितना डाले?

उत्तर - यह प्रेशर मशीन पर निर्भर करता है एसी में अलग होता है लगभग 300 psi और फ्रिज में 100 psi इसलिए जब भी प्रेशर डाले कंपनी के नियम का पालन करें उन्होंने कितना बताया है|

प्रशन - एयर सिस्टम में डालने से क्या होता है?

उत्तर - एयर सिस्टम में डालने से उसके पार्ट्स, वाइंडिंग, तेल में नमी आ जाती है जिसके कारण वे ख़राब होने लगते है|

प्रशन - फ्रिज से नमी कैसे निकाले?

उत्तर - फ्रिज से नमी निकालने ले लिए वैक्यूम करिये|


निष्कर्ष - Conclusion


इस लेख में आपको बताया गया है फ्रिज की लीकेज कैसे चैक करें इसको चैक करने की वैसे तो तो कई तरीके है लेकिन n2 प्रेशर डालने से सिस्टम में नमी प्रवेश नहीं करती है इसके साथ लीकज छोटी बड़ी आसानी से मिल जाती है|हैं n2 डालने पर कुछ सावधानियों का पालन भी करना ज़रूरी है ताकि किसी तरह की दुर्घटना ना हो आप सुरक्षित रहे|अगर आपका कोई प्रश्न हो तो कमेंट करें और पसंद आये तो शेयर करना ये जानकारी और लोगो तक भी पहुचे|

                                            












                               




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