क्या है वारंटी|kya hai warranty?

 क्या है वारंटी?


क्या है वारंटी जब भी हम कोई ख़रीदारी करते हैं चाहे वे फ्रिज हो या पंखा हो या अन्य सामान आदि की तो बदले मे दुकानदार या कंपनी हमें वारंटी या गारंटी देती हैं|हम बिल तो ले आते हैं जब उसमे कोई समस्या आती हैं तो हमें मालूम चलता हैं कि वे वारंटी म प्रोडक्ट गारंटी मे नहीं था|


गारंटी और वारंटी में क्या अंतर होता हैं?



इससे प्रोडक्ट मे लीक होने मे समय के साथ हमारा धन भी कई बार खर्च हो जाता हैं क्या होती हैं वारंटी और गारंटी? क्या देखना चाहिए? किसी सामान को लेने से पहले क्या ख़रीदारी होने पर हमें धन खर्च पड़ता हैं या आदि कुछ सवालों के जवाब व आपको मिले|

वारंटी व गारंटी कि जानकारी को ध्यान से पढ़ना ताकि भविष्य मे आपके काम आये तो देर ना करते हुए शुरू करते है लेख को|

Table of Content
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1- वारंटी का अर्थ क्या है

2-गारंटी का अर्थ क्या है

3-फ़र्क़ गारंटी और वारंटी में

4-कैसे देखे वारंटी की शर्तो को

5-गारंटी कैसे समाप्त हो सकती है क्या ना करें

6-प्रोडक्ट की शिकायत कहा पर करें अगर कंपनी मना कर दे

7-एक्सटेंडेड वारंटी क्या होती है

8-नो वारंटी क्या होती है

9-गारंटी कंपनी किस पार्ट की देती है जो महगे होते है या सस्ते

10-वारंटी के लिए किस व्यक्ति का होना ज़रूरी है

-FAQ

-CONCLUSION


वारंटी का अर्थ क्या हैं?

वारंटी का मतलब होता हैं जैसे मान लीजिये आप किसी इलेक्ट्रॉनिक शॉप से कोई जूसर खरीद कर ले आते हैं कुछ समय के बाद उसकी मोटर मे अंदर समस्या आ जाती है|चलती नहीं हैं तो दुकानदार के पास ले जाने पर वे उसको पूरा बदलता नहीं हैं मोटर कि वाइंडिंग, अन्य खराबी को ठीक करके देता हैं|

इसके साथ आपको कंपनी या दुकानदार को बिल दिखाना पड़ता हैं जो ख़रीदारी के समय मिला था इसके बिना वे किसी भी समस्या को ठीक नहीं करता हैं अगर आप फ्रिज लेते हैं तो कंपनी एक साल कि वारंटी आपको देते हैं जैसे गैस लीक होने पर वे गैस रिफिल करवाती हैं|

तापमान कण्ट्रोल डिवाइस ख़राब होने पर बदलवा देती हैं इसलिए ख़रीदारी के बाद अपना बिल संभाल कर रखे इसी से वारंटी चलती हैं|


गारंटी का अर्थ क्या हैं?

गारंटी का अर्थ वारंटी से बिल्कुल विपरीत होता हैं जैसे आप कोई सामान दुकान से खरीद कर लाते हैं तो ख़राब होने कि स्थिति वे आपको ख़राब सामान को रिपेयर ना करके उसके बदले मे नया दूसरा सामान दे देता हैं|इसी टर्म को गारंटी कहते हैं जब आप ख़रीदारी करते हैं तो दुकानदार आपको गारंटी बिल या इनवॉइस बिल देता हैं|

उस प्रोडक्ट की जानकारी होती हैं कीमत, व गारंटी भी लिखी होती हैं यदि आप कोई सामान ख़राब हो जाता हैं मान लीजिये प्रेस तो तो दुकानदार उसको रिपेयर ना करके नया देता हैं आपको बिल देना पड़ता हैं इसके बिना गारंटी नहीं होती हैं|


फ़र्क़ गारंटी और वारंटी मे?


- गारंटी|Guarantee 

> इसमें आपको ख़राब होने पर दोबारा सामान मिल जाता हैं|

> गारंटी मे सामान बदलने के लिए बिल होना आवशयक पड़ता हैं|

> गारंटी कंपनी करती हैं ना की दुकानदार|

> किसी प्रोडक्ट की गारंटी ज़्यादा होती हैं जैसे फ्रिज मे 10 साल कंप्रेसर की कंपनी देती हैं वारंटी केवल 1 साल होती हैं|

> गारंटी मे फायदा अधिक होता हैं नया सामान मिल जाता हैं फिर से|

> गारंटी मे यदि प्रोडक्ट उपलब्ध ना हो या मैन्युफैक्चर कमी हो तो कस्टमर की मांग पर कंपनी पैसा ग्राहक को दे देती है|

वारंटी|warranty


> इसमें आपको ख़राब होने पर दुकानदार कंपनी रिपेयर ठीक करके देती हैं|

> वारंटी मे सामान ख़राब होने पर बिल भी दिखाना पड़ता हैं|

> वारंटी कंपनी करवाती या फिर डीलर फ्रैंचाइस वाला ये कार्य उसका होता हैं|

> इसकी अवधि कम वा ज़्यादा हो सकती हैं प्रोडक्ट के ऊपर निर्भर होती हैं जैसे फ्रिज मे वारंटी एक साल होती हैं परन्तु कंप्रेसर 10 साल गारंटी होती हैं क्यूंकि ये पार्ट महगा होता हैं|

> वारंटी मे पैसा वापस (मनी बेक) नहीं होता है|

कैसे देखे वारंटी की शर्तो को?


वैसे तो शर्ते हमें हर चीज के खरीदारी से पहले देख लेनी चाहिए परन्तु जानकारी के अभाव मे हम शर्तो पर ध्यान नहीं देते हैं हमेशा ख़रीदारी से पूर्व शर्तो को देख ले कई बार ख़राब होने पर प्रोडक्ट ठीक इस कारण से नहीं हो पाता हैं क्यूंकि शर्तो मे वे चीज नहीं होती हैं जिसे हम ठीक करवाना चाहते है|

कुछ उदाहरण से जानते हैं जैसे फ्रिज मे प्लास्टिक पार्ट्स की वारंटी शर्तो मे नहीं आती हैं कुछ लोग सोचते हैं वे टूटने पर कंपनी बदल कर देगी लेकिन शर्तो मे साफ साफ लिखा होता हैं कि प्लास्टिक पार्ट्स टूट फूट मे नहीं बदला जायेगा इसलिए आप ख़रीदारी से पूर्व शर्तो को ध्यानपूर्वक पड़े जिससे आपको फायदा पहुंचे ना की नुक्सान|

गारंटी कैसे समाप्त हो सकती हैं क्या ना करें?

गारंटी कंपनी हमें देती हैं किसी निश्चित समय के लिए इसमें अगर किसी तरह की समस्या आती हैं सामान मे तो कंपनी बिना पैसा लिए आपको वे ठीक करवाकर या बदलवाकर देती हैं|

. परन्तु कुछ लोग किसी कारण से कंपनी से ठीक ना करवाकर लोकल किसी मैकेनिक से ठीक करवा देते हैं जल्दबाज़ी मे किसी कारणवश वे काम लोकल मैकेनिक ठीक नहीं कर पाता हैं तो हम कंपनी से चैक करवाते हैं क्यूंकि हमने किसी बाहरी मैकेनिक से हाथ लगवाया था कंपनी कहती हैं आपकी गारंटी अब नहीं रह गई हैं इसलिए आप याद रखे वारंटी समय मे आप केवल कंपनी ससे ही ठीक करवाये बिल साथ रखे|

हाँ आप गारंटी निकल जाने पर आप लोकल मैकेनिक से ठीक करवा सकते हैं या कंपनी से आपके पास चुनाव हैं|


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प्रोडक्ट की शिकायत कहाँ पर करें अगर कंपनी मना कर दे?

कभी कभी हमारा सामान जो हम दुकान से लाते है वे उस समय वारेटी मै होता है दुर्भाग्यवश इसके किसी तकनीकी कमी के कारण वे ठीक नहीं हो पाता है कंपनी वाले लगातार घर आते ठीक करके जाते फिर कुछ दिन चलकर फिर ख़राब हो जाता है|


गारंटी और वारंटी में क्या अंतर होता हैं?


इस अवस्था मै ग्राहक का पैसा भी चला जाता है और उसका लाभ भी उठाने मै वंचित रह जाता है तो ऐसे मै ग्राहक परेशान हो जाता है उसके पास ना तो उसको ठीक करवाने का विकल्प होता है ना उसे बेचने का तो ग्राहक क्या करें?

तो इस समस्या के समाधान के लिए एक फोरम बनाया गया है चाहे वे कोई भी प्रोडक्ट की वारंटी क्यों ना हो आप इसकी शिकायत कंस्यूमर फोरम में आप दर्ज करवा सकते है|

आपको एक लेटर कंस्यूमर फोरम मे जाकर करना होता है उस लेटर में अपनी शिकायत की पूरी डिटेल लिखनी पडती है और इसके साथ अपनी प्रोडक्ट की खरीद डेट को भी लिखना होता है या कॉपी भी चाहिए|

जब आप इसको जमा करके आ जाते है तो फोरम से एक लेटर कंपनी को नोटिस के तौर पर भेजा जाता है इसका कुछ समय होता है यदि कंपनी ने इसका उत्तर दिया और उस ख़राब प्रोडक्ट को नहीं बदला तो उस कंपनी के ऊपर भारी चालान भरना पड़ता है|

इस तरह अगर आपके प्रोडक्ट में कंपनी आनाकानी कर रही है तो आप अपनी शिकायत कंस्यूमर फोरम में अवशय दर्ज करवाये|

एक्सटेंडेड वारंटी क्या होती है?

जब आप एक इलेक्ट्रॉनिक आइटम फ्रिज या अन्य सामान को खरीदते है तो कंपनी आपको वारंटी कुछ बढ़ाकर देती है जैसे आपको 1 साल मोबाइल की वारंटी मिलती है वे आपसे कुछ पैसे ज़्यादा लेकर 1 साल और वारंटी बढ़ाने का प्रस्ताव रखती है तो इस टर्म को हम एक्सटेंडेड वारंटी कहते है|

नो वारंटी क्या होती है?

जब आप कोई सामान बिना बिल के खरीदते है तो उस पर आपको कोई वारंटी नहीं मिलती है तो इसको नो वारंटी कहते है|

गारंटी कंपनी किस पार्ट की देती है जो महगे होते है या सस्ते?

गारंटी कंपनी महगे पार्ट की देती है क्यूंकि जल्दी ख़राब होने पर ग्राहक का भरोसा कंपनी पर समाप्त हो जाता इसके साथ कंपनी की मार्किट ना बिगड़े वे ऐसा करती है|

उदाहरण जैसे फ्रिज की नार्मल वारंटी 1 साल मिलती है जबकि कंप्रेसर की 10 साल (कंप्रेसर) की मिलती है क्यूंकि यदि कंप्रेसर 2 साल चलने के बाद ख़राब हो जाता है तो ग्राहक का पैसा बर्बाद हो जायेगा जो उसने फ्रिज ख़रीदा था|

प्रोडक्ट ग्राहक के पास लम्बे समय तक रहे इससे कंपनी और ग्राहक मे अच्छा सम्बन्ध रहता है साथ ही मार्किट साख भी कंपनी की अच्छी होती है|यहाँ आपकी जानकारी के लिए बता दू कुछ कंपनी फ्रिज कंप्रेसर की गारंटी 5 साल देती है और कुछ 10 साल इन 5 साल के अंतर पर कंपनी की सेल कम हो जाती है 10 साल वाला प्रोडक्ट अधिक बिकता है कारण आप हाँ गए होंगे|

. अभी ज़्यादातर फ्रिज मे इन्वेर्टर कंप्रेसर आ रहे है जिसकी गारंटी 10 साल मिल रही है|

क्या फ्रिज कंप्रेसर ख़राब होने पर कंपनी गैस फ्री मे डालती है?


कंप्रेसर ख़राब होने कंपनी गैस चार्जिंग के पैसे लेती है या नहीं क्या ये बात सही है इसके कुछ पहलु है जो निम्न है -

• ये कंपनी की पॉलिसी पर भी निर्भर करती है|

• अभी ज़्यादातर इन्वेर्टर फ्रिज मे कंपनी 10 साल कंप्रेसर की गारंटी देती है साथ मे फ्री गैस चार्जिंग भी अपने ग्राहक को देने का कार्य करती है|इस कारण ग्राहक कंपनी के अन्य प्रोडक्ट को भी खरीदता है क्यूंकि इसमें कंपनी ने कोई पैसे नहीं लिए|

वारंटी या गारंटी होने पर हम किन बातो का ख्याल रखे?

कंपनी अपने नये प्रोडक्ट को बेचने पर ग्राहक को कुछ समय अवधि के 1 साल या साल का दावा करती है वे बिना पैसा लिए बिना ठीक करके देती है लेकिन ग्राहक को कुछ बातो ख्याल रखना चाहिए जिससे वारंटी क़ी सुविधा मिले --

• वारंटी होने पर ग्राहक बाहर से लोकल मैकेनिक से कार्य ना कार्य इससे वारंटी समाप्त हो सकती है|

• हमेशा वारंटी के दौरान बिल अपने साथ रखे क्यूंकि बिना बिल के कंपनी प्रोडक्ट को ठीक नहीं करती है|

•हमेशा जहा से भी किसी भी प्रोडक्ट को ख़रीदे उसकी निर्माण तिथि को अवशय पूछ ले डीलर|

•खरीदरी से पहले डीलर से पूछ ले किन किन पार्ट्स क़ी वारंटी में कवर है क्यूंकि कंपनी कुछ पार्ट्स वारंटी में कवर नहीं करती है जैसे प्लास्टिक पार्ट्स|

वारंटी के लिए किस व्यक्ति का होना ज़रूरी है

अगर आपका कोई प्रोडक्ट ख़राब हो गया है तो आप सोच रहे है मेरे बिना क्या व ठीक हो जायेगा|हाँ ठीक हो सकता है आपके पास केवल उस प्रोडक्ट बिल केवल होना चाहिए|

आपको उसको ठीक करवाने के समय पास रहने क़ी ज़रूरत भी नहीं पडती है इसलिए कोई समस्या नहीं आएगी वारेटी क़ी|

FAQ - अक्सर पूछे जाने वाले सवाल


Q- वारंटी का मतलब क्या होता हैं?

Ans - वारंटी मे प्रोडक्ट को रिपेयर किया जाता हैं बदला नहीं जाता हैं|

Q- सबसे अच्छी गारंटी या वारंटी कौन सी हैं?

Ans - गारंटी अच्छी होती हैं क्यूंकि इसमें आपको पुराना देकर नया सामान मिल जाता हैं|

Q- गारंटी कार्ड क्या होता हैं?

Ans- गारंटी कार्ड को बिल या इनवॉइस भी कहा जाता हैं ये पेपर होता हैं जो ख़रीदारी के समय दुकानदार देता हैं जबकि प्रोडक्ट ख़राब होने पर आपके बिल से ही उस प्रोडक्ट का कोई पार्ट्स बदला जाता हैं वरना कंपनी गारंटी व वारंटी समाप्त कर देती हैं|

Q- वारंटी का उदाहरण?

Ans- जैसे फ्रिज मे कंपनी 1 साल की वारंटी देती हैं जिसमे गैस लीक, थरमोस्टेट खराबी इसी के अंदर आता हैं इसके अलावा प्लास्टिक पार्ट वारंटी मे शामिल नहीं होते हैं|

Q- क्या गारंटी और वारंटी एक ही चीज हैं?

Ans- दोनों अलग है वारंटी में प्रोडक्ट को बदला नहीं जाता है रिपेयर ठीक किया जाता है जबकि गारंटी में प्रोडक्ट को बदल दिया जाता ख़राब होने पर जैसे फ्रिज का कंप्रेसर ख़राब होने पर पूरा बदला जाता है वही सीलिंग या छत का पंखा ख़राब होने पर केवल स्टेटर को चेंज कर दिया है|

निष्कर्ष-conclusion

इस लेख मे आपको क्या है वारंटी बताया है वारंटी मे रिपेयर कार्य होता है जबकि गारंटी मे ख़राब सामान के बदले नया सामान दे दिया जाता है|गारंटी व वारंटी मे बिल की आवश्यकता पडती है उसको ठीक करावाने पर इसलिए ख़रीदारी के समय बिल को अपनी मेल आई. डी पर डाल दे या फोटो कॉपी रख ले इससे ख़राब होने पर आपको समस्या नहीं आएगी आपका प्रोडक्ट जल्द ठीक हो जायेगा|आपका कोई पप्रशन हो तो कमेंट मे पूछ सकते है और पसंद आया हो आर्टिकल तो इसको ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करें और तक भी ये जानकारी पहुंच सके|

                                           

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