अच्छे विधार्थी के 10 गुण?

 अच्छे विधार्थी के 10 गुण?


हमारे देश का कल का भविष्य आज के युवा पीढ़ी पर आधारित है। आज का विद्यार्थी ही कल का युवा बनेगा, जो देश को ऊंचाई तक पहुंचाने की काबिलियत रखता है। विद्यार्थी जीवन सबका अलग अलग होता है। कई प्रकार के विद्यार्थी होते हैं जो भविष्य में आगे बढ़ने के लिए पढ़ाई करते हैं|



माता-पिता का नाम रोशन करने के लिए और उनके सपने पूरे करने के लिए मेहनत करते हैं और साथ ही साथ कुछ इस प्रकार के विद्यार्थी भी होता है जो केवल स्कूल में मौज़ मस्ती करने के लिए और दोस्तों के साथ खेलने के लिए जाते हैं|

 केवल अच्छे गुण या क्लास में पहला नंबर आने से वह विद्यार्थी आदर्श नहीं हो जाता बल्कि जो विद्यार्थी केवल पास होता है वह भी आदर्श हो सकता है । आओ खोजते हैं आदर्श विद्यार्थी के गुण, अच्छे विद्यार्थी के गुण|

1- वे कल करें सो आज करें की नीति पर चलते है?

काल्ह करै सो आज कर’ का शाब्दिक अर्थ है-जो तू कल करेगा, उसे आज ही कर दे अच्छे विद्यार्थी को अच्छे कार्य करने में देर नहीं करनी चाहिए|यदि विद्यार्थी को जीवन में सफलता प्राप्त करनी है तो उसे समय का सम्मान व पालन भी करना सीखना होगा|जिसे अपने उद्देश्य में सफल होना हो उसे समय रहते पूरे कार्य की योजना बना लेनी चाहिये|

फिर उस योजना के अनुसार काम आरंभ कर देना चाहिए। अच्छे विद्यार्थी को सोचने में ही समय को गँवाना नहीं चाहिए। जो विद्यार्थी आज का काम कल पर और कल का काम परसों पर टालते चले जाते हैं, वे एक दिन अपना सब कुछ नष्ट कर बैठते हैं|

यह टालू प्रवृत्ति बहुत घातक है। अधिकतर अच्छे विद्यार्थी समय-सारिणी बनाते हैं। किंतु इसके विपरीत कुछ विद्यार्थी समय सारणी बनाते हैं,एक-दो दिन उस पर चलने के बाद काम को कल पर टालना शुरू कर देते हैं|

परिणामस्वरूप ढेरों काम इकट्ठा हो जाता है। एक दिन वह काम उसके वश से बाहर हो जाता है। ऐसा छात्र हिम्मत हार बैठता है। पहले दिन जो छात्र कक्षा में प्रथम आने की बात सोचता था, अब उसे उत्तीर्ण होने के लिए भी एड़ियाँ रगड़नी पड़ती हैं। इसलिए अच्छे विद्यार्थी यह सूक्ति “काल्ह करै सो आज कर” को नियमित रूप से अपने मस्तिष्क में रखते हैं।


2- विधार्थी में मदद का भाव होता है?

हर एक विद्यार्थी के अंदर सहायता का गुण होना आवश्यक है। उसके लिए उन्हें कोई मौका या जगह का होना जरूरी नहीं है, वह कई प्रकार से मदद कर सकते हैं । अच्छे विद्यार्थी में स्वार्थ का गुण नहीं होना चाहिए उसे खुद से पहले दूसरों के बारे में सोचना चाहिए। एक अच्छा विद्यार्थी हमेशा सकारात्मक सोच के साथ जीता है|

अच्छे विद्यार्थी का कर्तव्य है कि  निस्वार्थ भाव से सभी की सहायता करना चाहे वह कक्षा का सहपाठी ही क्यों ना हो। जैसे कि रास्ता क्रॉस करने के समय किसी बूढ़े व्यक्ति की मदद करना, अपनी पुरानी किताबों को गरीब बच्चों को देना, आदि|

3- वे समय को महत्त्व अधिक देता है?

इसका भी ध्यान आदर्श विद्यार्थी को रखना चाहिए । समय समय पर अपना काम खुद ही करना चाहिए जैसे कि समय पर विद्यालय जाना, अपनी पढ़ाई खुद ही करना, खेलने के समय खेलना  और मनोरंजन के समय मनोरंजन करना । हमेशा मन में कुछ ना कुछ नहीं चीजों को सीखने की जिज्ञासा होनी चाहिए|

अनुशासन से समय और धन की बचत होती है। जिस छात्र ने अपनी दिनचर्या निश्चित कर ली है, उसका समय व्यर्थ नहीं जाता। वह समय पर मनोरंजन भी कर लेता है तथा अध्ययन भी पूरा कर पाता है। इसके विपरीत अनुशासनहीन छात्र आज का काम कल पर और कल का काम परसों पर टालकर अपने लिए मुसीबत इकट्ठी कर लेता है। इसलिए इसका संबंध छात्र से है।

4-वे हमेशा अनुशासन पसंद करता है?


अच्छे विद्यार्थी को हमेशा माता पिता , शिक्षकों , बड़ों की आज्ञाओं को हमेशा पालन करना चाहिए। जीवन को आनंदपूर्वक जीने के लिए विद्या और अनुशासन दोनों आवश्यक हैं। विद्या का अंतिम लक्ष्य है-इस जीवन को मधुर तथा सुविधापूर्ण बनाना। अनुशासन का भी यही लक्ष्य है|

 अनुशासन भी एक प्रकार की विद्या अपनी दिनचर्या, भजन चाल, रहन-सहन, सोच-विचार और अपने समस्त व्यवहार को व्यवस्थित करना ही अनुशासन है। विद्यार्थी के लिए अनुशासित होना परम आवश्यक है।अनुशासन का गुण बचपन में ही ग्रहण किया जाना चाहिए|

विद्यालय की सारी व्यवस्था में अनुशासन और नियमों को लागू करने के पीछे यही बात है। यही कारण है कि अच्छे अनुशासित विद्यालयों के छात्र जीवन में अच्छी सफलता प्राप्त करते हैं। अतः अनुशासन जीवन के लिए परमावश्यक है तथा उसकी प्रथम पाठशाला है।

5- आत्मनिर्भरता का गुण भी होता है?


आत्मनिर्भरता का अर्थ है खुद पर भरोसा रखना। अपनी शक्तियों के बल पर जीने वाले अच्छे विद्यार्थी सदा आजादी तथा सुखी जीवन जीते है। ईश्वर भी उसी की सहायता करता है, जो अच्छे विद्यार्थी अपनी सहायता अर्थात् अपना कार्य स्वयं करते हैं। इसके विपरीत जिन विद्यार्थी को दूसरों का आश्रय लेने की आदत पड़ जाती है, वे उन लोगों और आदतों के गुलाम बन जाते हैं। उनके भीतर सोई हुई शक्तियाँ मर जाती हैं|

 उनका आत्मविश्वास घटने लगता है। संकट के क्षण में ऐसे पराधीन विद्यार्थी झट से घुटने टेकने को विवश हो जाते हैं। जिन्हें छड़ी से चलने का अभ्यास हो जाता है, उनकी टाँगों की शक्ति कम होने लगती है। इसलिए अन्य लोगों की बैसाखियों को छोड़कर अपने ही पुट्ठे मजबूत करने चाहिए, क्योंकि संकट के क्षण में बैसाखियाँ नहीं काम आतीं|

वहाँ अपनी शक्तियाँ,अपना रुधिर काम आता है।आत्मनिर्भर अच्छे विद्यार्थी ही  नए-नए कार्य संपन्न करने की हिम्मत कर सकता है।अच्छे विद्यार्थी विश्वासपूर्वक अपना तथा समाज का भला कर सकते है।

6- सामाजिक गुणों मे अधिक होना?

आदर्श विद्यार्थी होने के लिए बालकों में अपने समाज में होने वाली गतिविधियों के प्रति भी जागरूकता होनी चाहिए. समाज में क्या हो रहा हैं, इसका उत्थान कैसे किया जा सकता हैं और इसमें ये विद्यार्थी अपना योगदान किस प्रकार दे सकते हैं, इन सब बातों में भी उसे जागरूकता से योगदान करना चाहिए ये नहीं की एक कमरे मे बैठा है या अपनी जिंदगी के आलावा इन सब पर कोई ध्यान नहीं है|

7- विषय को अच्छे से समझना?

आदर्श विद्यार्थी को अपने विषयों को पढ़कर केवल अच्छे नंबरों से पास होने के लिए नहीं पढ़ना चाहिए, बल्कि उस विषय के प्रति अपनी समझ भी विकसित करना चाहिए. अर्थात् उसे केवल किताबी कीड़ा [Book Warm] नहीं बनना हैं|

8- मेहनती का गुण होना?

आदर्श विद्यार्थी में परिश्रम करने का गुण होना चाहिए. अच्छे नंबरों से पास होने के लिए उन्हें पढाई में मेहनत करना चाहिए. अगर अपने विद्यार्थी जीवन में इन्होनें परिश्रम का महत्व जान लिया, तो फिर वे जीवन में कभी भी मेहनत से नहीं कतराएँगे और हमेशा परिश्रम के बल पर सफलता प्राप्त करेंगे. मेहनत के फल का महत्त्व यहाँ पढ़ें|

9- खेलखूद में भाग लेना कॉम्पीटिशन लेवल के?


आदर्श विद्यार्थी होने का मतलब ये नहीं कि बच्चा बस पूरे समय पढ़ता ही रहें, उसे विद्यालय में आयोजित होने वाली खेलकूद प्रतियोगिताओं में भी भाग लेना चाहिए|

विभिन्न खेलों में से जिस भी खेल में रूचि हो, विद्यार्थी को उसमें भाग लेकर अपनी शारीरिक क्षमताओं को भी बढ़ाना चाहिए. खेल कूद के महत्व पर लेख पढने के लिए यहाँ क्लिक करें|

10-हमेशा हर दिन नया सीखना?

एक आदर्श विद्यार्थी  हमेशा कुछ न कुछ सीखता रहता है और उसके अंदर यह भावना हमेशा रहती है जब भी वह कुछ सुनते है तो उनके मन मे कुछ सवाल पैदा होता है | यह क्यू है और कैसे है और नहीं पता होने पर वह हमेशा अपने मित्रो या फिर अध्यापक से पता कर लेता है

FAQ-


प्रश्न 1)- आदर्श विधार्थी में क्या क्या गुण होना चाहिए?

उत्तर- वे अपने काम के प्रति ईमानदारी रहता है समय को व्यर्थ बर्बाद नहीं करता है मोबाइल में, वे हर दिन नया सीखता है, कमियों को दोहराता नहीं है हमेशा पढ़ाई में मेहनत करता है|

प्रश्न 2)- एक आदर्श विधार्थी की क्या पहचान है?

एक विधार्थी की पहचान वे कैसा है वे है उसका समय पालन व अनुशासन करना|

प्रश्न 3)- विधार्थी के पांच गुण कौन से है?

उत्तर- विधार्थी में वैसे तो कई सारे गुण होते है ये 5 मुख्य है समय पाबंद रहता है,आत्मविश्वास खुद पर करता है, वे हमेशा ज़िंदादिल से कार्य करता है, समय के महत्त्व को समझता है, सकारात्मक सोच रखता है|

CONCLUSION-

इस लेख में आपको बताया गया है कि अच्छे विधार्थी के 10 गुण कौन कौन से है वैसे एक अच्छे वे सबसे ज़रूरी गुण समय का पालन करना होता है, व हर दिन नया सीखते है सकारात्मक सोच रखते है आदि अगर कोई प्रशन हो तो कमेंट करें और पसंद आये तो शेयर करें|


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