क्रेडिट कार्ड के फायदे हिंदी में

 क्रेडिट कार्ड के फायदे हिंदी में


क्रेडिट कार्ड आज के समय मे एक ज़रूरत बन चुकी है अगर बात करें तो ये साधारणतया डेबिट कार्ड से बिल्कुल विपरीत होता है ये क्रेडिट कार्ड जैसा नाम से ही है यानि उधार कार्ड ये बैंक दिया गया है एक सीमा के लिया उधार होता है आप इस कार्ड की सहायता से कुछ भी ज़रूरी शॉपिंग कर सकते है|





 EMI सामान की बनवा सकते है इसके आलावा सही से कार्ड का इस्तेमाल बेहतर रहता है गलत तरीके से इस्तेमाल आपकी उलझन बढ़ा सकता है हम आपको इसके लाभ काफ़ी है आपको बताने जा रहे है तो क्रेडिट कार्ड के फायदे इन हिंदी मे लेख को पूरा पढ़ना है तो बिना किसी देरी के लेख को पढ़ते है

1. पेमेंट करने में सहूलियत देता है?


अगर आपके पास क्रेडिट-कार्ड है इसके होने का सबसे पहला लाभ तो यही है कि इससे आपको कहीं भी और कभी भी ‘कैशलेस पेमेंट’ कर सकने की सहूलियत मिल जाती है जो समय व धन दोनो बचाता है|

क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने के लिये आपको बस एक ‘स्वाइप’ करना होता है और तमाम सारे भुगतानों के लिये हमेशा जेब में नकदी होने की जरूरत नहीं पडती है|

2. आपके खर्चों का पूरा हिसाब रखता है आपका क्रेडिट कार्ड?


 क्रेडिट-कार्ड होने का एक बड़ा लाभ ये है कि इसके ‘स्टेटमेंट’ को देखकर हमें अपने खर्चे का पूरा हिसाब मिल जाता है  आसानी से और उसमें किसी इंसानी भूल की संभावना बिल्कुल नहीं रहती|

 इस तरह हम अपनी ज़ुरूरतों की प्राथमिकतायें देखते हुए अपने खर्च करने की आदतों से उनकी तुलना कर सकते हैं जो काफ़ी अच्छा है|

3. सिबिल–स्कोर बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है आपका क्रेडिट कार्ड

ये काफ़ी महत्त्वपूर्ण है जब आप किसी वित्तीय संस्थान में लोन के लिये आवेदन करते हैं तो सबसे अहम् होता है आपका सिबिल क्रेडिट का स्कोर जिसको देखकर और जिसके अनुसार ही आपका ‘लोन-अप्रूवल’ होता है|

क्रेडिट कार्ड से लेन-देन करते हुए अगर आप कुछ बातें ख्याल में रखें, जैसे कि उधारी का नियमित पुनर्भुगतान करते रहना आदि, तो आपका सिबिल-क्रेडिट स्कोर दिनों दिन चढ़ता जाता है जिससे आप कहीं भी और कैसा भी ऋण काफी सुविधाजनक तरीके से पा सकते हैं।

4. समय पर पेमेंट करने वालों को क्रेडिट कार्ड दे सकता है तमाम फायदे?


जब आप अपने क्रेडिट कार्ड से लोन लेकर कोई चीज खरीद लेते हैं तो कार्ड जारी करने वाली वित्तीय-संस्था उस उधारी के पुनर्भुगतान के लिये प्रतिमाह एक निश्चित समयावधि यानी ‘बिलिंग-साइकल’ तय कर देती है। अमूमन यह पचास दिनों की होती है। यदि आप इसके भीतर अपने बकाया भुगतान कर देते हैं तो आपको कोई बेहतरीन ऑफ़र या रिवार्ड्स वगैरह का लाभ भी मिल सकता है|

क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते समय नुकसान से बचने को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?


अमूमन अक्सर होता ये है कि क्रेडिट-कार्ड बनवाते समय हम उसके फायदे तो कायदे से देख लेते हैं, पर इस उत्साह में क्रेडिट-कार्ड से जुड़ी संभावित हानियों की ओर ज्यादा ध्यान नहीं देते|

हालांकि यह बेहद जरूरी चीज है; कि किसी भी वस्तु को लेने से पहले हम उसके- ‘पॉजिटिव-निगेटिव’ दोनों पहलुओं की पूरी जानकारी कर लें। यहां हम इसी पर चर्चा करेंगे, कि क्रेडिट-कार्ड से जुड़े नुकसानों से बचने हेतु हमें क्या-क्या एहतियात बरतने चाहिए –

1. क्रेडिट कार्ड पर एटीएम से कैश कब निकालें?


क्रेडिट कार्ड पर आप अपनी क्रेडिट-लिमिट के आधार पर एटीएम से कैश निकाल सकते हैं। पर क्रेडिट-कार्ड से नकदी किसी ‘इमरजेंसी’ में ही निकालें, क्योंकि आपको इसका मोटा ‘चार्ज’ भी भरना पड़ता है। साथ ही, इस पर ब्याज मुक्त ‘क्रेडिट पीरियड’ का कोई लाभ नहीं मिलता।

2. अपनी क्रेडिट–लिमिट मेनटेन रखें


क्रेडिट कार्ड से ख़र्च का दायरा अपनी क्रेडिट लिमिट के तीस से पचास फीसदी तक रखना ठीक माना जाता है। क्योंकि एकमुश्त क्रेडिट की ज्यादा धनराशि निकाल लेने पर आपको बाजार के नज़रिए से ‘फ़ाइनैंशियली-वीक’ यानी कमजोर वित्तीय स्थिति वाला माना जाता है|

जिससे आपका क्रेडिट-स्कोर गिर सकता है, और यह आगे लोन संबंधी सभी मामलों में आपके लिये असुविधा पैदा करता है। इसलिये हमें अपने क्रेडिट-कार्ड पर मिली क्रेडिट लिमिट को मेनटेन रखना चाहिये|

3. विदेशों से क्रेडिट–कार्ड के थ्रू ‘ट्रांजैक्शन‘ में सावधानी बरतें?


जब आप अपने क्रेडिट-कार्ड के ज़रिये विदेश से कोई लेन-देन करते हैं तो आपको ‘फ़ॉरेन करेंसी ट्रांजेक्शन फीस’ अदा करनी होती है। इसलिये विदेशों से ट्रांज़ैक्शन में क्रेडिट कार्ड के मुकाबले प्री-पेड कार्ड कहीं बेहतर होता है।

4. क्रेडिट कार्ड के दो तरह ‘ड्यू अमाउंट‘?


क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हुए हमें जानना चाहिए कि इसमें दो तरह के ड्यू अमाउंट होते हैं। यदि आप सिर्फ “मिनिमम ड्यू अमाउंट” पे करते हैं तो आपको ब्लॉक नहीं किया जाता है, पर ”टोटल ड्यू अमाउंट’ पर ब्याज बढ़कर लगता है। इसलिये क्रेडिट-कार्ड में हमेशा ‘टोटल ड्यू’ ख्याल में रखते हुए ही पुनर्भुगतान करें।

5. कोई क्रेडिट कार्ड अचानक क्लोज़ न करें?


क्योंकि इससे आपका ‘क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो’ बढ़ सकता है। अक्सर हम दो कार्ड होने पर एक बंद करा देते हैं। पर इससे क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेश्यो जो दो कार्ड्स में बंटा था, अब एक में आ जाता है। फिर यह बढ़कर आपका सिबिल-क्रेडिट स्कोर बिगाड़ सकता है। इसलिये कार्ड का इस्तेमाल न होने पर भी उसे क्लोज़ करने से कहीं अच्छा है उसे भी एक्टिव रखना|











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